...

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एक नई पहचान
चलते चलते राहे बदल सी गई है
कभी खुली राहे थी अब बंद सी गई है

अंधेरे की चादर चारो तरफ फैल सी गई है
दिल और दिमाग की हालत अस्त-व्यस्त हो सी गई है

पर अभी भी ज्वाला अपने अंदर देखो तो जल रही...