...

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ग़ज़ल
राह में मुश्किलों के चलते-चलते,
हर लम्हा हर नफ़स सँभलते सँभलते ,
शौक हसरतो का पीछा करते करते,
गुजर जाते है यूँही चलते चलते ।

शाम की तन्हाई में जब घर आता है,
बस तसलियों से दिल बहलाता है ,
इक तलाश को पूरी करने में...