Hope
मोहब्बत का मेरे आलम अब ऐसा है,
उम्र तो अब हुई प्यार करने की मेरी, और मुझ पर ध्यान न दे ये जमाना कैसा है?
कोई दे इश्क़ गर हमें तो हम भी फ़िर से संवर जाएं,
बिना मिले प्यार तो पेड़ों के पत्ते भी मुरझा जाएं।
देख कर आईना...
उम्र तो अब हुई प्यार करने की मेरी, और मुझ पर ध्यान न दे ये जमाना कैसा है?
कोई दे इश्क़ गर हमें तो हम भी फ़िर से संवर जाएं,
बिना मिले प्यार तो पेड़ों के पत्ते भी मुरझा जाएं।
देख कर आईना...