"जिंदगी"
कहे अश्क इन आँखो से,
बरसू तो कितना बरसू।
ना तो मै बारिश हुँ ना तो झरने का पानी,
तेरी जिंदगी तो एक कटी पतंग है,
ना जाने कब हवा का झोंक आए,
ओर जिंदगी तेरी कांटो में उलझ जाए।।
कहे हंसी इन होंठो से,
हसु तो कैसे हंसु।
ना तो तेरी...
बरसू तो कितना बरसू।
ना तो मै बारिश हुँ ना तो झरने का पानी,
तेरी जिंदगी तो एक कटी पतंग है,
ना जाने कब हवा का झोंक आए,
ओर जिंदगी तेरी कांटो में उलझ जाए।।
कहे हंसी इन होंठो से,
हसु तो कैसे हंसु।
ना तो तेरी...