ना जाने कहाँ तू खो गई।
जाने कहाँ तू खो गई,
दिखती तो है तू,
पर अब मिलती नहीं।
हकीकत सपने जैसी जो हो गई।
जाने कहाँ तू खो गई।
मेरे घर की मुंडेर तेरे इंतज़ार में,
अब सिमट के सिकुड़ गयी।
तेरे कदमों की आहट
सुनाई जो...
दिखती तो है तू,
पर अब मिलती नहीं।
हकीकत सपने जैसी जो हो गई।
जाने कहाँ तू खो गई।
मेरे घर की मुंडेर तेरे इंतज़ार में,
अब सिमट के सिकुड़ गयी।
तेरे कदमों की आहट
सुनाई जो...