...

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वक़्त भी बेवक़्त सा
अब वक्त भी बेवक़्त सा हो गया है,
अपने काम मे तू कहीं खो गया है....

वक़्त नही रहा अब पहले जैसा,
एहसासों से बड़ा हो गया है अब पैसा,
अब वक्त भी बेवक़्त सा हो गया है,
अपने काम मे तू कहीं खो गया है....

तेरे कामो में अब मेरा आखरी है नाम,
बिन बात किए तुझसे बीत जाती है अब शाम,
अब वक्त भी बेवक़्त सा हो गया है,
अपने काम मे तू कहीं खो गया है....

दीदार तेरा मेरी आँखों की दुनिया था कभी,
मेरे अलावा अब तुझे याद है सारे रिश्तेदार सभी,
अब वक्त भी बेवक़्त सा हो गया है,
अपने काम मे तू कहीं खो गया है...

मेरी आवाज़ को सुनने का वक़्त भी नही है तेरे पास,
मेरे दुख और तड़प का नही है तुझे कोई एहसास,
अब वक्त भी बेवक़्त सा हो गया है,
अपने काम मे तू कहीं खो गया है....

तू थामे मेरा प्यार से एक बार फिर हाथ,
गहराइयों से दे मेरा फिर से एक बार साथ,
मेरे दिल की धड़कन चल रही है तेरी यादों के सहारे,
ज़िन्दगी की आखरी उम्मीद है तू मुझे दिल से पुकारे,
अब वक्त भी बेवक़्त सा हो गया है,
अपने काम में तू कहीं खो गया है...
#Waiting time




© DM मन की बातें