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मेरी मिट्टी
मिट्टी ही मेरी वाणी है सदियों से सुनी कहानी है
प्रति भरतवीर हर विश्वविधा, विज्ञां ,धन, धर्म का शानी है।

हम याद करें सन सैंतालीस सन बासठ इंच हटे नहि थे।
वक्षों की ढाल से उन्मादी चट्टानों पर हम डटे ही थे ।
जब संघ शिकागो हंसा हम पर स्वामी ने सांस थमा दी थी ।
नोबल टैगोर ने बंगला से अंग्रेजी गीति जमा दी थी ।
विश्वान्तरिक्ष में रमन प्रभाव सा तन्हा तेरेसा- सेवा ।
वो आर्यभट्ट व भट्टाचार्य प्रति लोम सूत्र का दानी है।।
प्रति भरतवीर हर विश्वविधा, विज्ञां ,धन, धर्म का शानी है।

सो वैर सी मेधा जलती रह पश्चिम में हम कुछ खास...