मुझको इस हाल ही में जीना है!
मुझको इस हाल ही में जीना है,
क्या कहा खून ए जिगर पीना है!
दिल का फोड़ा जो बन गया नासूर,
रफ़्ता- रफ़्ता ही सही सीना है!
क्यूँ न इतराऊँ ज़ात पर अपनी,
साथ मे मेरे...
क्या कहा खून ए जिगर पीना है!
दिल का फोड़ा जो बन गया नासूर,
रफ़्ता- रफ़्ता ही सही सीना है!
क्यूँ न इतराऊँ ज़ात पर अपनी,
साथ मे मेरे...