~:अफ़सोस:~
मेरी जिंदगी भरी कागज की लिखावट सी हो रही है,,
मेरे चेहरे की मुस्कान किसी के बनावट सी हो रही है,,
अनबन बढ़ते ही जा रहे हैं आए रोज मेरी मोहब्बत से,,
जिस वजह से अपनो से हर दिन बगावत सी हो रही है,,
मेरे दिल से उसके निकल जाने की आहट सी हो रही है,,
अरमानों के मेरे मकान की फीकी सजावट सी हो रही है,,
दिन पर दिन दूरी बढ़ती जा रही है...
मेरे चेहरे की मुस्कान किसी के बनावट सी हो रही है,,
अनबन बढ़ते ही जा रहे हैं आए रोज मेरी मोहब्बत से,,
जिस वजह से अपनो से हर दिन बगावत सी हो रही है,,
मेरे दिल से उसके निकल जाने की आहट सी हो रही है,,
अरमानों के मेरे मकान की फीकी सजावट सी हो रही है,,
दिन पर दिन दूरी बढ़ती जा रही है...