हर मोड़ पर जिंदगी को और भी बेहतर पाओगे
जो तुम बीच राह में चलते चलते थक जाओगे
तो ज़िन्दगी का सफर क्या तय कर पाओगे
जो तुम चार किताबें पढ़ते पढ़ते थक जाओगे
तो ज़िन्दगी का सफर क्या तय कर पाओगे
जो तुम मुकाबले से पहले ही हार जाओगे
तो ज़िन्दगी का सफर क्या तय कर पाओगे
जो तुम माँ के पैर...
तो ज़िन्दगी का सफर क्या तय कर पाओगे
जो तुम चार किताबें पढ़ते पढ़ते थक जाओगे
तो ज़िन्दगी का सफर क्या तय कर पाओगे
जो तुम मुकाबले से पहले ही हार जाओगे
तो ज़िन्दगी का सफर क्या तय कर पाओगे
जो तुम माँ के पैर...