...

15 views

आत्मा की है ये पुकार चंद सांसों का ना हो कोई मोहताज
#जीवनकीसाँस
आत्मा की है पुकार रोक लो हवाओं को आज
चंद सांसों का ना हो कोई मोहताज,
कि अब ये खुशियों का पल पूछ रही हैं,
जाना कहा है मंजिल कहाँ तक है आज।
क्या बताऊ राज दिल की हसरतों का,
हाथ उठाऊ छूले आसमां,
रात के सन्नाटे में जलाउ एक दीप,
हो जाए रौशन सारा जहाँ।
बंद करो अराजकता अगाज शांति का होने दो,
बदल दो इस मटमैले तलाब का पानी,
अब तो फूल भी कुम्हलाने लगे है।
नयी उमंगों संग डालो नया बीज कमल का,
नये पुष्प को खिलने दो।
बिखरने दो फिजा में नई रंगत और खुशबू को,
है आत्मा की ये पुकार चंद साँसों का
ना हो कोई मोहताज यहाँ.................।।
@chanda©
© All Rights Reserved