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जय जय बाबा बीरबल
ले चलतो लटियाल, सब सेणो ने साथ में।
संगठन हेत कमाल, बहादुर बाबो बीरबल ।।
सांवत सर री शान, अनन्त कीरति आप री।
मिनखां में पायो मान, बहादुर बाबे बीरबल ।।
धर्मशाला रो धाम, मूकाम थपाई मानवी।
शंकर बगडावत राम, तीजो थाम्बो बीरबल ।।
सादे जीवन से सार, जी य बताई जगत में।
बल कियो परिवार, करा पढ़ाई बीरबल ।।
सुरगां देव समाज, सलाह चईजी सांवठी।
ईण कारण दिन आज,बुलवाया सुर बीरबल।।
रूंख आप जो रोपियो, सन चोहतरे साल।
विरख वडेरो बणगियो, खड़ो आज खुशहाल।।
भेला हुय सदभाव सूं,सूंपी डोर समाज।
बाबा शुभमति दीजिए, उतरूं पूरो आज।।
आप तणी आशीष, चाहूं बाबा चावसूं।
बुद्धि दो बगशीष, अर्ज आप सूं ओमरी।।