नशा तुम्हारी
नशा तुम्हारी
हर यात को गुलाब कर डालते
बिते लम्हें
तेरी यादों को शराब का डालते
होकर मगन
ख्यालों को सैलाब कर डालते
गोरे गोरे गाल को
ख्वाबों में रगड़कर लाल कर डालते
बिन मेहंदी वाली हाथों को
तेरी जमाल कर डालते
हे प्रिय
सपनों में हमने...
हर यात को गुलाब कर डालते
बिते लम्हें
तेरी यादों को शराब का डालते
होकर मगन
ख्यालों को सैलाब कर डालते
गोरे गोरे गाल को
ख्वाबों में रगड़कर लाल कर डालते
बिन मेहंदी वाली हाथों को
तेरी जमाल कर डालते
हे प्रिय
सपनों में हमने...