मेरे साये
आ फिर कभी रात को उस राह पे चलते है,
आजा उन् बातो की मस्ती मै फिरसे मचलते है,
क्यों मुझसे रूठ गया है मेरे साये तू,
एक समय तेरी मेरी जोड़ी से सभी जलते थे |
© An Oblivious Soul
आजा उन् बातो की मस्ती मै फिरसे मचलते है,
क्यों मुझसे रूठ गया है मेरे साये तू,
एक समय तेरी मेरी जोड़ी से सभी जलते थे |
© An Oblivious Soul
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