घुटन सी तो है....😶
घुटन सी है तो कहीं
कहा है पता है
या नहीं पता
पहले रोज कोई दस्तक देता था
समय पर नहीं
मगर इस साल आता है
असमय से दूरियों को बांध के
पहले वो छलक जाया करता था
आज कल अंदर ही अंदर तेरता है
आंखो को चुरा लिया करते है
खुद के दिए जख्म नहीं भरते है
सीख रहे है जीना ...
हां अपनी इच्छाओं का हनन करके हम जीना सीख रहे है
आज देखो वो खुद छलका
पानी से भी हलका
और फिर एक बार बदहाली पर कलम चला ही दी
बेहतर लिखे कैसे ??...
कहा है पता है
या नहीं पता
पहले रोज कोई दस्तक देता था
समय पर नहीं
मगर इस साल आता है
असमय से दूरियों को बांध के
पहले वो छलक जाया करता था
आज कल अंदर ही अंदर तेरता है
आंखो को चुरा लिया करते है
खुद के दिए जख्म नहीं भरते है
सीख रहे है जीना ...
हां अपनी इच्छाओं का हनन करके हम जीना सीख रहे है
आज देखो वो खुद छलका
पानी से भी हलका
और फिर एक बार बदहाली पर कलम चला ही दी
बेहतर लिखे कैसे ??...