कुछ दिनों से आपको देखा नहीं।
कुछ दिनों से आपको देखा नही,
देखने को आँख था तरसा हुआ ।
चार छे दिन ही की तो बस बात है,
जाने फिर भी लग रहा अरसा हुआ।
कुछ दिनों से आपको देखा नही,
देखने को आँख था तरसा हुआ ।
आज आया हूँ तो जी भर देख लूँ
देखकर मुखड़ा ये आँखें सेंक लूँ।
क्या भड़ोसा कल का,जाने कब मिलें,
कल किसी ने आज तक देखा है क्या?
कुछ दिनों से आपको देखा नही,
देखने को आँख था तरसा हुआ ।
आज जो...
देखने को आँख था तरसा हुआ ।
चार छे दिन ही की तो बस बात है,
जाने फिर भी लग रहा अरसा हुआ।
कुछ दिनों से आपको देखा नही,
देखने को आँख था तरसा हुआ ।
आज आया हूँ तो जी भर देख लूँ
देखकर मुखड़ा ये आँखें सेंक लूँ।
क्या भड़ोसा कल का,जाने कब मिलें,
कल किसी ने आज तक देखा है क्या?
कुछ दिनों से आपको देखा नही,
देखने को आँख था तरसा हुआ ।
आज जो...