...

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ढूंढता हूँ (Dhoondhta Hoon)
दूर कोई मंज़िल.....
मैं रास्ता एक अनजान ढूंढता हूँ
बिछड़ा जो हमसफर.....
मैं यादों में उसके निशान ढूंढता हूँ

जागता हूँ रातों को........
मैं खोया सा एक ख्वाब ढूंढता हूँ
है मोहब्बत सितारों से.....
मैं बिना छत का एक मकान ढूंढता हूँ

दिल की गहराइयों में दफन कहीं...
मैं इश्क़ का एक पैगाम ढूंढता हूँ
खो चुका है जो तस्वीरों में कहीं.....
मैं आशिक़ एक दिवाना ढूंढता हूँ

विचारों के सागर में डूबा.....
मैं धुंधला सा एक साहिल ढूंढता हूँ
ख्वाहिश नहीं ज़मीन की मुझको...
मैं हिस्से में अपने अब आसमान ढूंढता हूँँ।

© The Silent one
My diary of love ❤
#thesilentone