*कुछ संसार के सिलसले*
धीरे-धीरे दिल टूट रहा है
कुछ ख्वाहिशें रुक गई
कुछ अपने भूल गए
कुछ यादगार लम्हे याद आ रहे है
कुछ बाते रुक सी गई है।
बहुत अधूरा-सा-सा लग रहा है।
मै खुद कमजोर पा रही हूं
ख़ामोश अकेलेपन से जूझ रही...
कुछ ख्वाहिशें रुक गई
कुछ अपने भूल गए
कुछ यादगार लम्हे याद आ रहे है
कुछ बाते रुक सी गई है।
बहुत अधूरा-सा-सा लग रहा है।
मै खुद कमजोर पा रही हूं
ख़ामोश अकेलेपन से जूझ रही...