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पिता के जैसा कोई नही
पिता के जैसा कोई नही
प्यार उसका ऐसा की
जगभरमे दुसरा कोई होगा नही
बेटे की सम्रद्धी के लिये
स्वाभिमान को भी तोडा नही
हर मूसीबत को झेलकर
रात रात ये सोया भी नही
आंसूओं को मनमे दबाकर
हमे आगे बढाना छोडा नही
उन्होने मन की इच्छाओ को कभी
अपना माना ही नही
ऐ खुदा, भाग्य मे हमेशा मुझको
मेरे बाबा चाहीए.. इनकी बरोबरी
करने वाला नही...
© k. rajshekhar
प्यार उसका ऐसा की
जगभरमे दुसरा कोई होगा नही
बेटे की सम्रद्धी के लिये
स्वाभिमान को भी तोडा नही
हर मूसीबत को झेलकर
रात रात ये सोया भी नही
आंसूओं को मनमे दबाकर
हमे आगे बढाना छोडा नही
उन्होने मन की इच्छाओ को कभी
अपना माना ही नही
ऐ खुदा, भाग्य मे हमेशा मुझको
मेरे बाबा चाहीए.. इनकी बरोबरी
करने वाला नही...
© k. rajshekhar
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