...

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गोपाला
छुप छुप कर
देखत ताहि को
मनभावन छवि न्यारी
काहे ना आए
याद पल पल थारो
हैं जो तो जग में
सबसे प्यारो लागे
छपी मारको
हैं सबसे प्यारे
मां यशोदा के दुलारे
सारे गोकुल के प्राण बसे जाके में

करो जाके दिन रात बखान
हैं जो
संपूर्ण विश्व प्रसिद्ध हैं
जाके नाम है असंख्य
प्रेम से कहो मैं
मुरलीधर श्री कृष्ण

नैन नक्श मुरली मनोहर छपी है
मन को मोह लेने को आतुर रहती हैं जिसकी
वह तो हो
मारे लड्डू गोपाल
मनोहर छपी
बबिता कुमारी
© story writing