...

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पता है तुम्हें भी मोहब्बत है मुझसे
मुझे पता है तुम्हें भी मोहब्बत है मुझसे
पर मेरे जैसे ही तुम भी कह नहीं पा रहे हो
पढ़ लिए थे पहले ही जज्बात तुम्हारे भी आंखो में
बेवजह ही इसे तुम मुझसे छिपा रहे हो

तुम्हें भी पता है तड़प रहा है मेरा दिल भी
मुझे भी पता है तुम भी तड़प रहे हो
बस इंतजार इजहार का दोनो को ही है
कौन करेगा पहले यही परख रहे हो

हक से कहते क्यों नहीं दिल की बातें तुम अपनी
अभी तक कहा किसी बात पे तुम्हें टोका है
मेरी तो चलो मजबुरियां है कुछ पर
तुम तो आज़ाद हो तुम्हें किसने रोका है

ये जो लंबी लंबी बातें करते रहते हो बेवजह
इसकी कोई तुम वजह क्यों नहीं बना लेते
हक हो जाए मेरा भी तुमपे तुम्‍हारे जैसे
ऐसा कोई क्यू न चक्कर चला लेते

© Anjaan