...

12 views

विश्वास
हर पावन रिश्ते का ये आधार है,
कभी होती जीत तो कभी हार है।

डगमगाते पदचिन्ह को ये संभाले,
हृदय को अटूट आस्था उपहार है।

विचलित ना होकर हमेशा संग चले,
इसका ना मुखमंडल ना आकर है।

बसेरा है हर एक मन में, पूजनीय है,
काँच की तरह सतह, दृश्य आर-पार है।

टूट कर बिखर जाता है, आघात से,
पूर्ण रूप से पूर्व स्थिति में आना बेकार है।

सहेजे रखना इसे, एक ज़ेवर की तरह,
अमूल्य रत्न का विश्वास ही समाहार है।

पंख की तरह हल्का पर अस्तित्व भारी,
टिकाए रखता है, जो सही से जिम्मेदार है।



#lopathewriter #WritcoQuote #writcoa