मनचला मन
मनचला मन, जैसे हवा का रुख,
कभी उड़ा जाए, कभी रुका हुआ सुख।
ना किसी एक राह पर, ना किसी एक छांव में,
हर पल खोजे कुछ नया, हर ख्वाब में खो जाए।
इधर उधर भागे, न कोई लक्ष्य पाएं,
सपनों की गहराई में खुद को खो जाएं।...
कभी उड़ा जाए, कभी रुका हुआ सुख।
ना किसी एक राह पर, ना किसी एक छांव में,
हर पल खोजे कुछ नया, हर ख्वाब में खो जाए।
इधर उधर भागे, न कोई लक्ष्य पाएं,
सपनों की गहराई में खुद को खो जाएं।...