सुबह हो या शाम...!!!
सुबह हो या शाम, जीवन का ये पैग़ाम,
हर लम्हे में छिपा है, कोई नया अरमान।
सूरज की किरणें, सुबह को सजाती,
जग में नई रौशनी, हर तरफ़ फैलाती।।१।।
चहकते हैं पंछी, गुनगुनाती हवाएं,
नया सवेरा लाए, उम्मीदों की छांव लाए।
हर कण में बसी है,...
हर लम्हे में छिपा है, कोई नया अरमान।
सूरज की किरणें, सुबह को सजाती,
जग में नई रौशनी, हर तरफ़ फैलाती।।१।।
चहकते हैं पंछी, गुनगुनाती हवाएं,
नया सवेरा लाए, उम्मीदों की छांव लाए।
हर कण में बसी है,...