...

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बखान ज़मीं पर रहने वाली हूर का
हमको तेरा खिलखिलाता-सा चेहरा पसन्द आया
तुझपर तेरी शैतानियों का पहरा पसन्द आया
हमको पसन्द आया हर दफा तेरे सामने फीका होना
पसन्द आया हमको तेरे माथे पर चन्दन का टीका होना
हमको तेरे होठों का सुर्ख़ रंग गहरा पसन्द आया
तेरे इश्क़ में हस्र जो हुआ ना मेरा, हमको
यही सेहरा पसन्द आया
तुमको जो ख़ूबसूरत बना देती हो, हमको
हर वो बात पसन्द आई
तुम नहीं हो मेरी, पर हमको तुम्हारी यादें
अपने साथ पसन्द आई
तुम्हारी यादों के साथ गुजरे जो, हमको हर वो
अँधेरी रात पसन्द आई
तेरी सूरत पर इन गहरी ख़ामोशियों का
होना ठहरा पसन्द आया
तेरी शगुप्तगी को बार-बार सुनने को हमको
होना बहरा पसन्द आया
हाँ, हमको तेरा खिलखिलाता-सा चेहरा पसन्द आया
तुझपर तेरी शैतानियों का पहरा पसन्द आया

© Kumar janmjai