...

14 views

मनमोहिनी
मनमोहिनी

हे मनमोहिनी! तुम कौन हो?
जो तुम्हारे मुखमंडल के तेज़ से
ये जग प्रकाशित हो रहा है।
सुंदरता की पराकाष्ठा
एवं सौम्यता की सीमा लगती हो देवी
तुम कौन हो।

कोई दैवीय माया हो , अथवा वहम हो।
ब्रम्हचारियों के ब्रम्हचर्य को भी नष्ट करने वाली
तुम्हारी मुस्कान क्षीण कर रही है मेरी सहनशक्ति...