...

20 views

माँ
मधुकारी मनोहर दृश्य मन को मोह लेते हैं,
माँ तेरी निश्छल मुस्कान को देख ये देवगण भी तुझे प्रणाम करते हैं,
इंद्रप्रस्त की पताका को तूने ही पुनः उत्तीर्ण किया,
राष्ट्र के गौरव को तूने "माता" का सम्मान दिया।

बागियों की निर्मल मुस्कान है तू,
पल्ल्वित कलियों के उदय का अर्क नाम है तू,
काल की लाठी तम प्रसारती है रेखाएँ,
प्राणों की रक्षा करने वाली " सावित्री " नाम है तू।

लोभहीन यशोदा मयिया समान प्रेम तुझमें समाहित है ,
तेरी हरएक डॉट का मधु पेय आध्यात्मिक है,
दायित्व तेरा गुरु समान, नटखट बालक हूँ मैं अत्यन्त नादान,
लक्ष्मीबाई जैसा शौर्य तेरा, रक्षक बनकर रहता सदैव मेरा।

कामधेनु बन तू परिवार को सदैव पोषित करती है,
रूप तेरा अत्यन्त भोला , संकट ने तेरे वास्तविक चरित्र को खोला,
अत्यन्त पवित्र तेरा अंतःकरण , काल भी करता तेरा अनुकरण,
बनने ना देती तू दायित्व को अपनी बेड़ी , नन्हें हाथों को देती सदैव अपने ममता की घेरी।

बहुरूपिया तू शतायु,
वार्षिक पुष्प तू , अनंत है तेरे प्रेम की आयु,
माननीय है तू प्रियहृदयी , रूप है मितव्ययी ,
अत्यन्त है तेरी अकल्पनीय ममता , नमन् है तेरी ऐसी लोह समान क्षमता ।




_NightingaleShree