...

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पुरानी दोस्ती
#खुशियोंभरीदोस्तीकीकहानी
बचपन की कितनी ही यादें हैं सुहानी
मगर अब कोई खुद को दरिया समझता है
तो कोई खुद को बहती नदिया का पानी
किसी की सूखे तालाब सी है कहानी
हम तो बहती नदिया के पानी हैं
जो समुंदर में मिल जाएंगे
मगर ऐसा नहीं है कि हम भी खारे हो जायेंगे
तुम चाहे भूल जाना हमें
हम कभी भी तुम्हें भूलना ना चाहेंगे।