...

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मंज़िल
#SymbolicSaga
चले थे वो परछाई का हाथ थामें ,
कि यक़ीनन मंज़िल मिल ही जायेगी ,
आधी राह में परछाई ने दामन छुड़ा लिया ,
और वो तन्हा ही रह गए !!!

मंज़िल को छोड़िए जनाब ,
इन साथ चलते रास्तों का लुत्फ़ उठाइये ,
मंज़िल की आँस में बिना थके जो चल रहे हैं ,
जो हासिल है उसकी भी कदर नहीं कर रहे हैं !!!

क्यूँ ये यकीन है कि मंज़िल पाकर ही ख़ुशी मिलेगी ,
क्या पता वहाँ पहुँचकर आपकी चाहत ही बदल जाएगी ,
इसीलिए हर पल को जिए जाइये ,
मंज़िल की आँस में खुद से यूँ बेरुखी मत दिखाइए !
बस यूँ ही हर पल को जिए जाइये !!!!

© NehaV