8 views
अब हम वो नहीं रहे
इश्क़ के शुरुआती दिन कितने खाश थे
जब तुम हर लम्हा मेरे साथ थे
खुले आसमान मे अकेला रहना भी सुकून देता था
पर अब लगता है की तारे पहले जेसे चमक नही रहे
अब शायद हम वो नहीं रहे
लडाई का तो कोई किस्सा ही न था
किसी तीजे का कोई हिस्सा न था
बस लापरवाह सी एक दुसरे की परवाह करना
पर अब साथ होने का एक दूजे को दिलाशा भी दे नही रहे
अब शायद हम वो नहीं रहे
मोका न मिलने पर भी बात किया करते थे
चोरी चोरी मुलाक़ात किया करते थे
कुछ अपनी सुनाना कुछ तेरी सुनना
अब प्यार भरे वो हालात नही रहे
अब शायद हम वो नही रहे...
जब तुम हर लम्हा मेरे साथ थे
खुले आसमान मे अकेला रहना भी सुकून देता था
पर अब लगता है की तारे पहले जेसे चमक नही रहे
अब शायद हम वो नहीं रहे
लडाई का तो कोई किस्सा ही न था
किसी तीजे का कोई हिस्सा न था
बस लापरवाह सी एक दुसरे की परवाह करना
पर अब साथ होने का एक दूजे को दिलाशा भी दे नही रहे
अब शायद हम वो नहीं रहे
मोका न मिलने पर भी बात किया करते थे
चोरी चोरी मुलाक़ात किया करते थे
कुछ अपनी सुनाना कुछ तेरी सुनना
अब प्यार भरे वो हालात नही रहे
अब शायद हम वो नही रहे...
Related Stories
8 Likes
0
Comments
8 Likes
0
Comments