...

6 views

मुझे स्विकार कर
माना कि मैं थोड़ी नादाँ हूँ
थोड़ी बावली हूँ
ज़रा पालगपन भी करती हूँ
मगर क्या तुम्हें पता है
ये सब तुम्हारे प्रेम में करती हूँ
मुझे स्वीकार कर लो!
वादा है मेरा तुमसे
पूरी ज़िंदगी मैं तुम्हे सताती रहूंगी
तुम रूठो ,मैं मनाती रहूंगी,
सच्ची राह पे चलना सिखाती राहूंगी
तुम्हारी ही जीवनसाथी बनूंगी
बस मुझे स्विकार कर लो।
।।स्वाती।।