मुझे स्विकार कर
माना कि मैं थोड़ी नादाँ हूँ
थोड़ी बावली हूँ
ज़रा पालगपन भी करती हूँ
मगर क्या तुम्हें पता है
ये सब तुम्हारे प्रेम में करती हूँ
मुझे स्वीकार कर लो!
...
थोड़ी बावली हूँ
ज़रा पालगपन भी करती हूँ
मगर क्या तुम्हें पता है
ये सब तुम्हारे प्रेम में करती हूँ
मुझे स्वीकार कर लो!
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