उसकी आँखें
जो सुरूर उसकी आँखों मे था
कोई जाम न इतना दे पाई थी
वॉर उनका इतना गहरा था
उस वॉर को मैन सह पाई थी।
देखी न हो इतनी नशीली आँखे
आज उनकी बात सुनाती हु
इन रातो के अंधेरे में
मै उसकी अम्बर सी
आँखों के राज़ बता ती हु
कहते है आँखे बोलती है
क्या कभी ...
कोई जाम न इतना दे पाई थी
वॉर उनका इतना गहरा था
उस वॉर को मैन सह पाई थी।
देखी न हो इतनी नशीली आँखे
आज उनकी बात सुनाती हु
इन रातो के अंधेरे में
मै उसकी अम्बर सी
आँखों के राज़ बता ती हु
कहते है आँखे बोलती है
क्या कभी ...