मन की अभिलाषा
तुम फिर से वो तस्वीर सिरहाने लगा दो न।
मैं उसे निहारता रहूँ और तुम मुस्कुरा दो न।
एक अरसा बीता तुम्हारी आवाज़ सुने हुए।
मैं तुम्हारी आँखों में देखूं तुम गुनगुना दो न।
तुम कहती हो कि कुछ शब्द अनकहे होते हैं।...
मैं उसे निहारता रहूँ और तुम मुस्कुरा दो न।
एक अरसा बीता तुम्हारी आवाज़ सुने हुए।
मैं तुम्हारी आँखों में देखूं तुम गुनगुना दो न।
तुम कहती हो कि कुछ शब्द अनकहे होते हैं।...