...

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" तू ही रास्ता हो, मेरी मंजिल के...।"
तू ही रास्ता हो मेरी मंजिल के,
अब ना जा तू मुझे छोड़कर।
बस तेरा ही सहारा है, बिखरे हुए सपनों पर,
तू ही साथी तू ही सहारा, जो गुज़रे हम राहों पर।



मै समंदर हूं तो, तू ही किनारा हो,
डूबने मत देना मुझे, इन गहरी राहों में।
कहीं डगमगा जाए जो पद मेरा,
उठा लेना तू अपने ही बाहों में।


लहर आए अगर राहों में,
ढक लेना तू मुझे, अपने ही आंचल से।
दरिया बनकर बहता जाऊं अगर,
छिपा...