मेरा कान्हा
कान्हा मेरा है, या... कान्हा के हम है।
बस इतना जानू की संग मेरे जो तू है... तो जीवन में क्या गम है।।
ना मीरा सी.. ना राधा सी है भक्ति मेरी, कहां हूं मैं तेरे लायक।
जाने क्यों इतना प्यार बरसा कर, फिर बनता है तू मेरा सहायक।।
बस एक बात है सामान हम दोनों में... की गाइया की सेवा को रहते हम सदा तैयार।
शायद इसी लिए मेरे कान्हा... आता होगा तुझे, मुझ पर प्यार।।
ना मुझ में भक्ति है ना मुझ में शक्ति है।
बस इतना जानू की तुझे देखने की सदा प्यास दिल में जगती है।।
मेरा हर काम पार तू ही है लगवाता।
मैं जो भी लिखती हूं कान्हा... बता तू ही है ना लिखवाता?
वरना दुनिया का प्यार पाने का मुझमें कहा है सामर्थ।
इस दुनिया के विचित्र रहस्यों का तूही बताता है मुझे अर्थ।।
कान्हा तू है पूरा ब्रह्मांड मेरा और में तेरे में बस्ती एक छोटी सी धरती।
तेरे बिना इस संसार में बता में करती भी तो क्या करती।।
Happy Janamashtmi Friends..
© Vasudha Uttam
बस इतना जानू की संग मेरे जो तू है... तो जीवन में क्या गम है।।
ना मीरा सी.. ना राधा सी है भक्ति मेरी, कहां हूं मैं तेरे लायक।
जाने क्यों इतना प्यार बरसा कर, फिर बनता है तू मेरा सहायक।।
बस एक बात है सामान हम दोनों में... की गाइया की सेवा को रहते हम सदा तैयार।
शायद इसी लिए मेरे कान्हा... आता होगा तुझे, मुझ पर प्यार।।
ना मुझ में भक्ति है ना मुझ में शक्ति है।
बस इतना जानू की तुझे देखने की सदा प्यास दिल में जगती है।।
मेरा हर काम पार तू ही है लगवाता।
मैं जो भी लिखती हूं कान्हा... बता तू ही है ना लिखवाता?
वरना दुनिया का प्यार पाने का मुझमें कहा है सामर्थ।
इस दुनिया के विचित्र रहस्यों का तूही बताता है मुझे अर्थ।।
कान्हा तू है पूरा ब्रह्मांड मेरा और में तेरे में बस्ती एक छोटी सी धरती।
तेरे बिना इस संसार में बता में करती भी तो क्या करती।।
Happy Janamashtmi Friends..
© Vasudha Uttam