एहसास जाया मत करना
सेज साजन की सजनी बिन साजन सजाया मत करना।
दस्तक दी है जो दिल पर वो एहसास ज़ाया मत करना।
परवाना बन तेरी कुर्ब़त में आने की गुस्ताख़ी की है मैने,
चूम लेना लर्ज़िश करते लबों से, पंख जलाया मत करना।
मुंतज़िर हूँ राह-ए-फ़लक में सितारा बनकर ऐ मेरी चाँद,
गश्ती गवारा नहीं है मुहब्बत में, बस...
दस्तक दी है जो दिल पर वो एहसास ज़ाया मत करना।
परवाना बन तेरी कुर्ब़त में आने की गुस्ताख़ी की है मैने,
चूम लेना लर्ज़िश करते लबों से, पंख जलाया मत करना।
मुंतज़िर हूँ राह-ए-फ़लक में सितारा बनकर ऐ मेरी चाँद,
गश्ती गवारा नहीं है मुहब्बत में, बस...