कितना तनहा हूँ मैं...
तुम बिन,दिल फकीरी
क्या करूँ,शोहरत का मैं
दुनिया की भीड़ में भी,
अजब अकेला पन है
क्या करूँ,ऐसी सोहबत का मैं
मैं तुम बिन सफर में
हर राह जीत जाऊं
कि चमकूं फ़लक पर ...
क्या करूँ,शोहरत का मैं
दुनिया की भीड़ में भी,
अजब अकेला पन है
क्या करूँ,ऐसी सोहबत का मैं
मैं तुम बिन सफर में
हर राह जीत जाऊं
कि चमकूं फ़लक पर ...