ग़ज़ल
मैं तुझ में इतना पागल भी हो सकता हूँ
मैं बिंदी, चूड़ी, पायल भी हो सकता हूँ
तेरी यादों से घायल भी हो सकता हूँ
रफ़्ता रफ़्ता मैं पागल भी हो सकता हूँ
इक सूरत में जैसे दो सीरत...
मैं बिंदी, चूड़ी, पायल भी हो सकता हूँ
तेरी यादों से घायल भी हो सकता हूँ
रफ़्ता रफ़्ता मैं पागल भी हो सकता हूँ
इक सूरत में जैसे दो सीरत...