भीड़ इतनी मगर अपना कोई नहीं........
ईद्-गिर्द की ध्वनि
हताश मन को कर रहीं
भीड़ इतनी देख दुनिया की
परछाईं भी मेरी डर रही यहाँ देख,चाहे वहाँ देख
चाहे तु हर जगह देख सब जगह हैं वहीँ लोग
जो आज यहाँ तो वहाँ किसी रोज
...
हताश मन को कर रहीं
भीड़ इतनी देख दुनिया की
परछाईं भी मेरी डर रही यहाँ देख,चाहे वहाँ देख
चाहे तु हर जगह देख सब जगह हैं वहीँ लोग
जो आज यहाँ तो वहाँ किसी रोज
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