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मै भूला नहीं अतीत
मैं भूला नहीं अतीत, अंधकार की मुझसे प्रीत, सिसकता बचपन, खिसकती जमीं, संघर्ष से भरी राह, खत्म होती ख्वाहिशें, हल्की आहट से सहमता मन, घृणा से घूरती निगाहें, सहारा देती बाहें, बेचारेपन के सायें, पैसों का अभाव, दोस्तों की छांव, उपर से जिम्मेदारी का भाव, टूटता आत्मबल, ईश्वर से मांगता संबल, डांटते रिश्ते, अपनो में पिसतें, सीमित शौक, खेलकूद पर रोक, भय में अध्ययन, बिना हवा के शयन, बात-बात पर नम होतें नयन, कभी उम्मीद और आशा, कभी निराशा व हताशा के बीच गुजरते दिन, वो वक्त मुश्किल, वो वक्त मुश्किल। (डीएस गुर्जर" देव")