दुनिया झूठ की
हर दिन सच को , झूठ के पैरों तले रौंदा गया,
एक एक इंच उसकी कब्र को,रोज़ाना खोदा गया,
फ़िर दफ़न कर दिया उसको ,दीन-ओ-ईमान संग,
फरेब की इस दुनिया में ,अब झूठ के बिखरे हैं रँग,
हर कोई ख़ुश है ,ये दुनिया झूठ की अपनाकर,
कोई नही...
एक एक इंच उसकी कब्र को,रोज़ाना खोदा गया,
फ़िर दफ़न कर दिया उसको ,दीन-ओ-ईमान संग,
फरेब की इस दुनिया में ,अब झूठ के बिखरे हैं रँग,
हर कोई ख़ुश है ,ये दुनिया झूठ की अपनाकर,
कोई नही...