मेरे जज़्बात
काग़ज पे ना जाने तुम
कैसे उतर आते हो मेरी हर रचनाओं में ?
हर शब्द तुम्हारे भाव से भरा होता है
काग़ज के बिना मेरा भी कहां था मुकाम और
मुझमें ही तेरे नाम का...
कैसे उतर आते हो मेरी हर रचनाओं में ?
हर शब्द तुम्हारे भाव से भरा होता है
काग़ज के बिना मेरा भी कहां था मुकाम और
मुझमें ही तेरे नाम का...