खुशियों की उम्र 🙃🙃🙃
तंग सा मन बेड़ियों में उलझा
साँसे है पर जीवन अनसुलझा 🤔
खुशियों की उम्र
कुछ छोटी सी ठहरी 🙂
जितना जीना चाहा
उतना ही बिछड़ा 🙁
कभी मोह की गठरी 😊
कभी निर्मम सी माया 😐
धूप कुछ ज्यादा
घनी हो...
साँसे है पर जीवन अनसुलझा 🤔
खुशियों की उम्र
कुछ छोटी सी ठहरी 🙂
जितना जीना चाहा
उतना ही बिछड़ा 🙁
कभी मोह की गठरी 😊
कभी निर्मम सी माया 😐
धूप कुछ ज्यादा
घनी हो...