जीवन का सच (मुक्तक)
समंदर सोच का उमड़े, लहर मन की उठे जब जब।
समझ लेना करम अपना, बना पहला खुदा है तब।
भरोसा हो स्वयं पर जब, सकल संसार है अपना,
बदल लो सोच सब अपनी, बताओ सोचना है कब?
समझ लो आत्म का यह सच, खुदा खुद में समाया है।
जुड़ा यह प्राण है जब तक, तभी तक मोह माया है।
धरा पर प्रेम-नफ़रत का, सभी...
समझ लेना करम अपना, बना पहला खुदा है तब।
भरोसा हो स्वयं पर जब, सकल संसार है अपना,
बदल लो सोच सब अपनी, बताओ सोचना है कब?
समझ लो आत्म का यह सच, खुदा खुद में समाया है।
जुड़ा यह प्राण है जब तक, तभी तक मोह माया है।
धरा पर प्रेम-नफ़रत का, सभी...