...

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कई अरसे से...
कई अरसे से,
एक डायरी है मेरे पास
सोचा था,
इसमें वो सब लिखूंगा
जो किसी से कभी बोलता नहीं,
पर अब इसके पन्ने ना
तुम्हारी बातों से भरे पड़े हैं
कहना था तुमसे जो
उन अनकहे जज्बातों से
भरे पड़े हैं ।
हां अगर तुम पढ़ पाए कभी
तो मेरी आंखो को पढ़ना
शायद तुम देख पाओ
की हमें बस इकरार है तुमसे
यूं तो लिखने को
मैं क्या क्या ना लिख दूं,
पर तुम चेहरे से पढ़ लो ना
की कितना प्यार है तुमसे ।
तुम चांद सी खूबसूरत लगती हो
मेरे ख्वाबों जो अक्सर आती है
उस लड़की की सूरत लगती हो,
तुम आसमां सा शांत
और हूं बादलों सा बिखरा हुआ मैं
मुझे समेटने की चाहत में,
तुम सबसे बड़ी जरूरत लगती हो।
यूं स्याही से पन्नो पर
तुम्हें बयां करना
थोड़ा मुश्किल है,
समझ जाओ ना,बस तुम
मेरी आंखों से इतनी खूबसूरत लगती हो ।।

© priyansh