ओं जन्नत मिल जावे
इश्क़-ए-फ़कीरी मुर्शद तेरी जे बंदे नू मिल जावे
इंज समझों जीवे सां रुक्ण तों पहला जन्नत मिल जावे
मंगा मंग लइयां तेरे तों मुर्शद बथेरिया मैं अक़्ल णाल
मंगा हुण तेरी राह...
इंज समझों जीवे सां रुक्ण तों पहला जन्नत मिल जावे
मंगा मंग लइयां तेरे तों मुर्शद बथेरिया मैं अक़्ल णाल
मंगा हुण तेरी राह...