Jawaan.... 🇮🇳
त्यागकर अपना घर-परिवार और सुख चैन
एक पल भी नहीं रिश्ते जिसके नैन
कड़ी धूप,बारिश और
कंपकंपाति सर्दी में
सजग खड़ा है सैनिक
देश की सुरक्षा में
इसीलिये देश में मनती है
होली, दिवाली और रमजान है
बेफिक्र खेलता बचपन और
खुशियाँ मनती जवानी है
उपवन में मंडराते भँवरे और
खेतों में खुशहाली है
क्योंकि दुशमन के इरादों को
उसने नेस्तनाबूत कर रखा है
जाओ चैन से सो जाओ
यारों सरहद पर देश का जवान
सिर पर कफन बाँधकर खड़ा है
सिर पर कफ़न बाँधकर कर खड़ा है ।
एक पल भी नहीं रिश्ते जिसके नैन
कड़ी धूप,बारिश और
कंपकंपाति सर्दी में
सजग खड़ा है सैनिक
देश की सुरक्षा में
इसीलिये देश में मनती है
होली, दिवाली और रमजान है
बेफिक्र खेलता बचपन और
खुशियाँ मनती जवानी है
उपवन में मंडराते भँवरे और
खेतों में खुशहाली है
क्योंकि दुशमन के इरादों को
उसने नेस्तनाबूत कर रखा है
जाओ चैन से सो जाओ
यारों सरहद पर देश का जवान
सिर पर कफन बाँधकर खड़ा है
सिर पर कफ़न बाँधकर कर खड़ा है ।
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