अकेलापन
तेरे आने का इंतज़ार है आजा,
दिल तेरा तलबगार है आजा।
इश्क़ की कश्ती पार लगानी है,
तूही जिसकी पतवार है आजा।
दिल-शिगाफ़ि हो जाए ख़तम,
दिल बड़ा...
दिल तेरा तलबगार है आजा।
इश्क़ की कश्ती पार लगानी है,
तूही जिसकी पतवार है आजा।
दिल-शिगाफ़ि हो जाए ख़तम,
दिल बड़ा...