चाय, किताबें, इश्क़ और तुम
चाय किताबें इश्क और तुम मेरी आदत हो।
तुम और नही कोई मेरी इकलौती चाहत हो।
अब होकर दूर भला तुमसे कैसे जी पाऊंगा।
तुम साथ नही होगी तो मैं जीते जी मर जाऊंगा।
साथ...
तुम और नही कोई मेरी इकलौती चाहत हो।
अब होकर दूर भला तुमसे कैसे जी पाऊंगा।
तुम साथ नही होगी तो मैं जीते जी मर जाऊंगा।
साथ...