चाय, किताबें, इश्क़ और तुम
चाय किताबें इश्क और तुम मेरी आदत हो।
तुम और नही कोई मेरी इकलौती चाहत हो।
अब होकर दूर भला तुमसे कैसे जी पाऊंगा।
तुम साथ नही होगी तो मैं जीते जी मर जाऊंगा।
साथ छोड़कर मुझसे दूर कभी मत जाना तुम।
जबतक सांस चलेगी तबतक मेरा साथ निभाना तुम।
तुमसे मिलकर जीवन जीना मैने सीखा है।
तुमसे मिलकर गम के आंसू पीना मैंने सीखा है।
दिल दीवाना कहता है तुम ही मेरी मुहब्बत हो।
चाय किताबें इश्क और तुम मेरी आदत हो।
© Ank's
तुम और नही कोई मेरी इकलौती चाहत हो।
अब होकर दूर भला तुमसे कैसे जी पाऊंगा।
तुम साथ नही होगी तो मैं जीते जी मर जाऊंगा।
साथ छोड़कर मुझसे दूर कभी मत जाना तुम।
जबतक सांस चलेगी तबतक मेरा साथ निभाना तुम।
तुमसे मिलकर जीवन जीना मैने सीखा है।
तुमसे मिलकर गम के आंसू पीना मैंने सीखा है।
दिल दीवाना कहता है तुम ही मेरी मुहब्बत हो।
चाय किताबें इश्क और तुम मेरी आदत हो।
© Ank's