...

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बहने दो जीवन
परम सत्ता की कृपा से
मिलता है सुंदर जीवन
सुंदर विचारों से भरते
ख़ुद का कर सुंदर सृजन
ज्ञान की धारा में बहते
कर तू फिर आत्ममंथन
दिखेगा नव प्रकाश चहुंओर
होगा सुंदर स्वरूप अवतरण
काम, क्रोध, मोह, लोभ
घृणा को मत दो इसमें प्रवेश
जीवन सुंदर होगा करोगे
सुंदर भावों का तुम समावेश
मत होने देना मन में फिर
कटु भावों का संचरण
बहती नदी की भांति
बहने दो सुंदर जीवन।

© joo